भानपुरा। विगत दिनों 22 मई की शाम प्राकृतिक आपदा के दौरान नगर के बीच कचहरी चौक में प्राचीन पीपल व बरगद का वृक्ष गिरने से यहां स्थित प्राचीन राजराजेश्वर गणपति जी महाराज का मंदिर ध्वस्त होकर मंदिर में स्थित प्राचीन प्रतिमा खंडित हो गई थी। मंदिर पुजारी अशोक शर्मा के निवेदन पर 25 में की शाम शंकराचार्य मठ भानपुरा में बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें श्री गणेश मंदिर पुनः उद्धार एवं गणेश प्रतिमा स्थापना एवं अन्य आयोजन स्वामी ज्ञाननंद जी के सानिध्य में किए जाने को लेकर चर्चाएं की गई थी। बैठक के दौरान भानपुरा पीठाधीश्वर स्वामी ज्ञानानंद जी तीर्थ महाराज से मोबाइल पर बात होने पर महाराज श्री के आदेशानुसार 29 मई की शाम 7 बजे शंकराचार्य मठ भानपुरा में स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज के सानिध्य में नगर के गणमान्य जनों एवं भक्तोंजनों की उपस्थिति में बैठक आयोजित की गई। आयोजित बैठक में स्वामी श्री ज्ञानानंद जी महाराज के सानिध्य में श्री गणेश मंदिर का पुनः उद्धार नगर वासियों व जन सहयोग से कराए जाने का निर्णय एवं निर्माण समिति का निर्माण एवं धार्मिक आयोजनों की व्यवस्था के लिए महाराज जी के आशीर्वाद से समिति के पदाधिकारीयों को मनोनीत किया गया। इस दौरान कई लोगों ने जन सहयोग राशि की घोषणाएं भी की। महाराज श्री के आशीर्वाद से मनोनीत की गई निर्माण एवं धार्मिक आयोजन व्यवस्था समिति में अध्यक्ष वरिष्ठ अभिभाषक महेश भटनागर, प्रचार समिति अध्यक्ष हरिकृष्ण मरमट को मनोनीत किया गया। संरक्षक जनपद पंचायत अध्यक्ष भानपुरा विजय कुमार पाटीदार, नगर परिषद अध्यक्ष विनोद शिव भानपिया तथा निर्माण एवं धार्मिक आयोजन व्यवस्था समिति में कोषाध्यक्ष दिनेश गुप्ता व प्रह्लाद दुबे, सचिव संजय तिवारी, उपाध्यक्ष नगर परिषद पार्षद सुभाष बागड़ी व हेमंत राणा, सह सचिव महेश टायसन को मनोनीत किया गया। इसके साथ ही समिति के सभी सदस्य सहभागिता का निर्वहन करेंगे। इस दौरान महाराज श्री ने कहा कि मंदिर निर्माण सभी के सहयोग जन सहयोग से भव्य निर्माण हो। एवं पूरे विधि विधान के साथ गणेश प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा का सभी के सहयोग से भव्य आयोजन हो। आयोजित बैठक में वरिष्ठ अभिभाषाक के राजेंद्र प्रसाद तिवारी, बद्रीलाल भारद्वाज, आयुषी शर्मा, अमित जोशी, दिनेश छालीवाल, चंद्रशेखर उपाध्याय, चंद्रप्रकाश तिवारी, प्रदीप जीनगर, भीमसिंह चंद्रावत, शिवनारायण शास्त्री, मोहित उपाध्याय, संदीप तिवारी, प्रदीप लोठिया, गोपाल कृष्ण समेरिया, तुषार जोशी सहीत कई गणमान्य जन एवं भक्तजन उपस्थित थे। बैठक संपन के बाद रात्रि करीब 8:30 बजे स्वामी ज्ञानानंद जी उपस्थित सभी गणमान्य जनों एवं भक्तोंजनों की उपस्थिति में कचहरी चौक पहुंचे यहां प्राकृतिक आपदा में ध्वस्त हुए प्राचीन राजराजेश्वर गणपति जी महाराज मंदिर एवं खंडित हुई प्राचीन प्रतिमा का निरीक्षण किया। इस दौरान महाराज जी ने कहा की भीषण प्राकृतिक आपदा में किसी तरह की जनहानि जीव हानि नहीं हुई है। सिर्फ अर्थ की हानि हुई है जिसे पाया जा सकता है। कचहरी चौक में भीषण प्राकृतिक आपदा में ध्वस्त हुए श्री गणेश मंदिर का पुनः उद्धार एवं प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा सभी आयोजन शंकराचार्य स्वामी ज्ञाननंद जी तीर्थ महाराज के सानिध्य संपन्न होंगे।